नई दिल्ली। अगर आपका बैंक खाता देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा या फिर इलाहाबाद बैंक में है तो खबर आपके लिए खुशखबरी से कम नहीं। SBI, बैंक ऑफ बड़ौदा और इलाहाबाद बैंक के खाताधारकों को आज से बड़ी राहत मिलने वाली है। आज से इन बैंकों के खाताधारकों के लिए ईएमआई का बोझ कम होने वाला है। इलाहाबाद बैंक ने विभिन्न मैच्योरिटी पीरियड वाले MCLR में 0.05 फीसदी की कटौती की है, जो संशोधित दरें 14 फरवरी से प्रभावी होंगी।
दरअसल इन बैंकों ने ग्राहकों को लोन के ब्याज दर में राहत दी है। SBI और बैंक ऑफ बड़ौदा के बाद इलाहाबाद बैंक ने भी दरों में कटौती की घोषणा की। इलाहाबाद बैंक ने BSE से कहा कि उसकी संपत्ति उत्तरदायित्व प्रबंधन समिति ने मौजूदा MCLR की समीक्षा की और सभी मैच्युरिटी पीरियड्स के लिए लोन की ब्याज दर पर 0.05 फीसदी की कटौती की है। लोन की एमसीएलआर दर में कटौती का असर ईएमआई पर होगा और आज से EMI का बोझ कम हो जाएगा।
पहले एसबीआई ने फिर बैंक ऑफ बड़ौदा ने और अब इलाहाबाद बैंक ने एमसीएलआर दर में कटौती किए जाने के बाद आज से ईएमआई घटेगी। आप पर ईएमआई का बोझ कम होगा। एक नजर इलाहाबाद बैंक के नए ब्याज दर पर डाले को बैंक ने एक साल की मैच्योरिटी पीरियड वाले कर्ज का MCLR अब 8.30 फीसदी से कम होकर 8.25 फीसदी कर दिया। बैंक ने एक महीने की परिपक्वता अवधि वाले कर्ज का MCLR अपरिवर्तित रखा है। इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। नई दरें आज यानी 14 फऱवरी से लागू हो गई है। वहीं बैंक ने तीन महीने और 6 महीने के टैन्योर वाले MCLR दर में 5 बेसिक प्वाइंट की कटौती की है और इसे 7.75-8.10% कर दिया हैष वहीं 1 महीने के MCLR दर में कौई परिवर्तन नहीं किया गया है, ये 7.85% पर अपर्वर्तित है।
जहां इलाहाबाद बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा बैंक ने आज से एमसीएलआर दर में बदलाव किया है तो वहीं भारतीय स्टेट बैंक ने 10 फरवरी से ही एमसीएलआर दर में 0.05 फीसदी की कटौती की है। ये लगातार नौंवा मौका है जब एसबीआई ने MCLR में कटौती की है। बैंक द्वारा की गई इस कटौती के बाद विभिन्न मैच्योरिटी पीरियड वाले कर्ज का MCLR घटकर 7.85 फीसदी पर आ गया है।
एसबीआई के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी खाताधारकों को राहत दी है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने अलग-अलग मैच्योरिटी वाले लोन पर MCLR को 7.65 फीसदी से घटाकर 7.60 फीसदी कर दिया है।बैंक ने एमसीएलआर की नई दर को 12 जनवरी 2020 से लागू भी कर दिया है। आपको बता दें कि MCLR तय करने के लिए बैंक 4 फैक्टर को ध्यान में रखते हैं, जिसमें फंड का अतिरिक्त चार्ज , निगेटिव कैरी ऑन CRR ,ऑपरेशन कॉस्ट और टेन्योर प्रीमियम शामिल होता है।
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