माफिया मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में मौत की खबर यहां भी तेजी से फैली। इस दौरान उसके प्रयागराज में 15 महीने पहले आखिरी बार आने के दौरान का अंदाज भी जेहन में ताजा हो गया। मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी की पूछताछ के बाद बांदा जेल के लिए रवाना होने से पहले माफिया यह शेर पढ़कर मुस्कुराया भी था...‘तूफान कर रहा था मेरे अज्म का तवाफ, दुनिया समझ रही थी कश्ती भंवर में है।’
मुख्तार के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की प्रयागराज इकाई ने मार्च 2020 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। इस मामले में मुख्तार के साथ उसके बेटे अब्बास व साले सरजील उर्फ आतिफ के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। कोर्ट ने मुख्तार को 14 दिसंबर 2022 को ईडी की कस्टडी रिमांड पर भेजा था। 23 दिसंबर को ईडी की अर्जी पर पांच दिन का रिमांड और बढ़ाया गया। 28 दिसंबर को रिमांड पूरी होने पर कोर्ट ने वापस बांदा जेल भेजने का आदेश दिया।
कोर्ट परिसर से निकलते वक्त मीडियाकर्मियों के पूछने पर मुख्तार ने पहले तो बोलने पर पाबंदी होने की बात कहकर चुप्पी साध ली। हालांकि, कुछ देर बाद उसने मुस्कुराते हुए उसने एक शेर पढ़ा, जो चर्चा का विषय बन गया। उसके इस अंदाज के कई मायने निकाले गए। यह आखिरी बार था, जब मुख्तार प्रयागराज लाया गया।
माफिया के दो शूटर अरैल में हुए थे ढेर
चार मार्च 2021 की बात है, जब नैनी के अरैल में माफिया मुख्तार के दो शूटरों ने एसटीएफ के जवानों पर गोलियां चलाकर सनसनी फैला दी थी। हालांकि, मुठभेड़ में दोनों ढेर हो गए थे। मारे गए बदमाशों में 50 हजार का इनामी वकील पांडेय उर्फ राजीव पांडेय और उसका साथी अमजद उर्फ अंगद था।
एसटीएफ का दावा था कि दोनों शूटर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए यहां पहुंचे थे। इनके कब्जे से 30 कारतूस के अलावा नाइन एमएम की पिस्टल भी बरामद हुई थी। मुख्तार के ही इशारे पर इन शूटरों ने 2013 में वाराणसी में डिप्टी जेलर अनिल कुमार सिंह को दिनदहाड़े गोलियों से छलनी कर दिया था।
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