इलाहाबाद आना हम तुम्हें संगम दिखाएंगे...। अपने शेरों में इलाहाबाद और संगम को पिरोने वाले अजीम शायर मुनव्वर राना ने वर्षों की संगमनगरी में शायरी की है। उनकी यहां के गलियों से गजब की जुस्तजू रही है। कम लोग जानते हैं, कि वह लखनऊ के होकर भी इलाहाबाद के ही थे। लंबे समय तक पुराने शहर में रहकर उन्होंने न सिर्फ कारोबार किया था, बल्कि देर रात तक अड़ियों और चौपालों में शायरी को नई ऊंचाई भी इसी सरजमीं से दी।
रविवार की देर रात मुनव्वर राना के इंतकाल की खबर आने के बाद शायरी के शौकीनों में शोक की लहर दौड़ गई। उनके करीबी शायर अख्तर अजीम को यकीन ही नहीं हो रहा था। खुदबुदाते हुए बोले कि उनके वेंटिलेटर पर होने की इत्तिला मिली थी। उनका घर तो लखनऊ में था, लेकिन वह पक्के इलाहाबादी थे। उनकी भावना में संगम और इलाहाबाद रचा बसा था। वह बताते हैं कि वर्ष 1997 में मुनव्वर राना इसी शहर में मार्बल के कारोबारी के तौर पर वर्षों तक रहे। तब होटल रेगीना में एक कमला उनका हमेशा बुक रहता था।
वह शाम होते ही काटजू रेड पर ओरिएंट केमिस्ट के नाम से मशहूर मेडिकल स्टोर पर आ जाते थे। वहीं पर असलम इलाहाबादी, अतीक इलाहाबादी, अहमद अबरार, नैयर आतिल भी चौपाल में शामिल हो जाते थे। वहीं देर रात तक शायरी होती रहती थी। अख्तर साहब बताते हैं कि वह तो रात 11:30 बजे तक घर आ जाते थे, लेकिन मुनव्वर राना की गुफ्तगू जारी रहती थी।
उनका चर्चित गजल था- इलाहाबाद आना हम तुम्हें संगम दिखाएंगे
वर्ष 1998 में मजीदिया इंटर कॉलेज में अतीक इलाहाबादी की किताब के विमोचन के मौके पर एक स्मारिका का भी मुनव्वर साहब ने विमोचन किया था। तब उनकी एक गजल उस स्मारिका में प्रकाशित हुई थी। उनके गजल का शेर था- इलाहाबाद आना हम तुम्हें संगम दिखाएंगे...।
वह इलाहाबाद के मुरीद थे। इलाहाबादी अमरूद पर भी उन्होंने खूब लिखा था। इसी तरह कवि श्लेष गौतम भी उनसे जुड़ी स्मृतियां साझा करते हैं। वह बताते हैं कि वर्ष 2017 में कल्याणी देवी के चौधरी गार्डेन मे हुए मुशायरे में आखिरी बार वह आए थे। वह बहुत मस्तमौला इंसान होने के साथ ही शायरी के जादूगर थे।
गुफ्तगू पत्रिका के संपादक इम्तियाज अहमद गाजी से भी उनका गहरा ताल्लुक रहा है। वह बताते हैं कि कभी भी उन्होंने उनके आग्रह को नहीं ठुकराया। गुफ्तगू पत्रिका के विमोचन में भी एक बार वह शामिल हुए थे। वह हमेशा इलाहाबाद को अपने दिल में बसाए रहे। करीब 12 वर्ष पहले मुनव्वर राना ने एक कार खरीदी थी, तब उन्होंने उसका नंबर इलाहाबाद का लिया था।
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