साधु-संतों, कल्पवासियों के शिविरों में दिन भर मंत्रोच्चार, गूंजे भजन-कीर्तन प्रयागराज। माघी पूर्णिमा से पहले साधु-संतों और कल्पवासियों के शिविरों में मास पर्यंत चलने वाले यज्ञ-अनुष्ठानों की पूर्णाहुति आरंभ हो गई। शनिवार को कहीं झांकियां निकलीं तो कहीं दिन भर आहुतियां होती रहीं। अखंड पाठ, जप, तप और ध्यान के अनुष्ठानों के संकल्प पूरे होने पर भंडारे भी चले और दान-पुण्य का सिलसिला भी। रविवार को माघी पूर्णिमा पर डुबकी केसाथ लाखों गृहस्थ कल्पवासी अपने शिविरों से विदा हो जाएंगे। शनिवार को माघ मेला के हर सेक्टर में सुबह से ही अनुष्ठानों की पूर्णाहुतियां आरंभ हो गईं। संगम नोज स्थित गंगा सेना के शिविर में योग गुरु आनंद गिरि के सानिध्य में चल रहे मास पर्यंत महायज्ञ की वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूर्णाहुति हुई। इस दौरान संतों-भक्तों की भीड़ लगी रही। भंडारे में कतारबद्ध होकर लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इसी तरह 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' ट्रस्ट के सदस्य जगदगुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती के पंडाल में भी आहुतियों के बाद प्रवचन हुआ। इसी तरह अपर संगम मार्ग पर स्थित शीता मंदिर के महंत पं. शिव प्रसाद पांडेय लिंगिया महाराज ने भी मास पर्यंत अनुष्ठानों की सविधि पूर्णाहुति की।
इसके अलावा जगदीश रैंप के पास महामंडलेश्वर प्रेम दास महाराज के बालाजी आश्रम शिविर, वाहिगुरु शिविर, ऊं नम: शिवाय शिविर सेक्टर पांच स्थित डूंग जी महाराज के शिविर में अन्नक्षेत्र में हजारों की तादाद में भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। इसके बाद वस्त्र का भी वितरण किया गया। इसके अलावा मोरी मार्ग, दंडी स्वामी नगर के शिविरों में भी दिन भर पूर्णाहुतियां होती रहीं और मंत्र गूंजते रहे। रविवार को पुण्य की डुबकी लगाने के साथ ही कल्पवासी और श्रद्धालु शिविरों से विदा हो जाएंगे। सैकड़ों की तादाद में कल्पवासियों के शिविर शनिवार को ही खुल गए। सामान लेकर उनके परिजन दिन भर मेला क्षेत्र से निकलते रहे।
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