जनता दल-यू ने पार्टी उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और पार्टी महासचिव पवन वर्मा को पार्टी से निकाल दिया है.
पार्टी ने एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी. बयान में कहा गया है कि पिछले कई महीनों ने प्रशांत किशोर ने पदाधिकारी रहते हुए कई विवादास्पद वक्तव्य दिए जो दल के निर्णय के विरुद्ध है. बयान के अनुसार किशोर ने पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार के ख़िलाफ़ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है. पवन वर्मा के बारे में कहा गया है कि दल का अनुशासन उन्हें स्वीकार नहीं.
दोनों नेताओं को तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी ज़िम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया है.
ये दोनों नेता नागरिकता संशोधन क़ानून(सीएए) और एनआरसी के मुद्दे पर पार्टी अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अलग विचार व्यक्त कर रहे थे. लेकिन मंगलवार की शाम मामला उस वक़्त ज़्यादा गंभीर हो गया जब प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर सीधे हमला बोल दिया और उन्हें झूठा तक कह दिया.
किशोर ने ट्वीट कर कहा, "मैं जेडी-यू पार्टी में कैसे और क्यों शामिल हुआ इसके बारे में झूठ कहना आपके लिए शर्मनाक है. अगर आप वाक़ई में सच कह रहे हैं तो कौन इस बात का यक़ीन करेगा कि आज भी आपमें उस आदमी की बात को ठुकराने की हिम्मत है जिसका अनुमोदन अमित शाह ने किया हो?"
मंगलवार को नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा था, "कोई पार्टी में रहना चाहता है तो रहे, अगर वो कहीं जाना चाहता है, तो जाए. आपको पता है कि पार्टी में प्रशांत किशोर कैसे आए थे, अमित शाह ने कहा था कि उन्हें पार्टी में शामिल करें तो शामिल कर लिया."
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