अपनी स्थापना के सौ वर्ष पूरे होने से पहले गांव-गांव जश्न मनाने और वर्ष भर के कार्यक्रमों की रूपरेखा तय करने के लिए आरएसएस व्यापक कार्ययोजना पर मंथन कर रहा है। इस क्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत 27 फरवरी को प्रयागराज में प्रवास करेंगे। इस दौरान वह काशी प्रांत के प्रचारकों से मुलाकात कर शताब्दी वर्ष के एजेंडे पर चर्चा कर सकते हैं। संघ प्रमुख गांवों में शाखा विस्तार के साथ ही सामाजिकता वाले कार्यक्रमों के जरिए हर व्यक्ति तक पहुंचने का संदेश भी देंगे।
संघ प्रमुख मोहन भागवत मां विंध्यवासिनी के दर्शन के बाद शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों की रूपरेखा पर मंथन के लिए 27 फरवरी की दोपहर यहां पहुंचेंगे। संघ प्रमुख के आगमन से काशी प्रांत के 26 जिलों के प्रचारकों के अलावा अन्य पदाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। संघ प्रमुख के आगमन की अंदरखाने पखवारे भर से तैयारी चल रही है। इसी क्रम में क्षेत्रीय स्तर पर हर गांव में शाखा विस्तार की रणनीति तैयार कर ली गई . शताब्दी वर्ष के एजेंडे के तहत संघ ने गांवों में अपना विस्तार शुरू कर दिया है।इसके लिए खंड स्तर पर शाखाओं के गठन और संचालन की शुरुआत की गई है। संगठनात्मक दृष्टि से फूलपुर में संघ के गंगापार जिले में केशव भवन के रूप में कार्यालय की स्थापना इसी विस्तार की एक अहम कड़ी मानी जा रही है। इसी तरह यमुनापार जिले में भी संघ ने गांवों में अपना विस्तार शुरू कर दिया है। स्थापना के सौ वर्ष पूरे होने के पहले जिले के सभी 3178 गांवों तक शाखा विस्तार का लक्ष्य रखा गया है। संघ प्रमुख के आगमन पर पूरे प्रांत में गांव स्तर पर शाखाओं के विस्तार का खाका प्रस्तुत किया जाएगा। इसके अलावा वर्ष भर के कार्यक्रमों की रूपरेखा भी उनके समक्ष रखने की तैयारी की गई है।
संघ प्रमुख के आगमन से पहले बीते माह सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले काशी प्रांत समेत पूर्वी जोन के प्रचारकों के साथ इस एजेंडे पर विस्तार से चर्चा कर करने के साथ ही फीडबैक ले चुके हैं। इस दौरान उन्होंने विभाग और प्रांत के अलावा जिले स्तर पर काम कर रहे प्रचारकों को लगातार गांवों में प्रवास करने के साथ ही स्वयंसेवकों के साथ संवाद करने के लिए के लिए कहा था। इसी क्रम में गांवों में संघ को विस्तार देने के साथ ही आरएसएस के समावेशी अभियानों के लिए काशी प्रांत में प्रबुद्ध जनों से संपर्क भी शुरू कर दिया गया है। संघ प्रमुख के समक्ष मई में काशी में होने वाले संघ शिक्षा वर्ग की तैयारियों पर भी चर्चा की जाएगी। कहा जा रहा है कि संघ शताब्दी वर्ष का जश्न मनाने से पहले गांवों में अपनी सियासी जड़ों को जमाना चाहता है। इसके लिए समावेशी कार्यक्रम बनाए जा रहे हैं।
कुटुंब प्रबोधन, समरसता संगोष्ठियों के साथ ही सहकारिता आंदोलन को भी इस अभियान का हिस्सा बनाने की योजना है।अब संघ प्रमुख अपने इस दौरे के समय क्षेत्रीय प्रचारकों के गांव-गांव प्रवास करने और स्वयंसेवकों के साथ संवाद बनाने की मुहिम की समीक्षा भी कर सकते हैं। संघ की ओर से प्रत्येक गांव में शाखा लगाने का लक्ष्य है। हालांकि जहां अभी शाखा नहीं लग पा रही है, वहां सामाजिक कार्यक्रमों के जरिये अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए कहा गया है।
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