पार्टी अध्यक्ष मायावती से घर बैठने का दो टूक फरमान सुनने के बाद वह अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे। विधानसभा चुनाव लड़ चुके कई प्रत्याशी और पदाधिकारी भी बसपा से इस्तीफा दे सकते हैं। फिलहाल, अब पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने व त्यागपत्र देने का दौर शुरू हो चुका है।
इंद्रजीत सरोज ने चुपके से खुद को बसपा से निकालने की बात सार्वजनिक कर हलचल मचा दी। पार्टी अध्यक्ष मायावती पर फिलहाल गंभीर आरोप लगाने से बचते हुए सरोज ने इतना ही कहा कि जोनल कोआर्डिनेटरों से रुपये वसूलने का विरोध करने पर उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया। अब बसपा ने सियासी घमासान मचा है। पार्टी में एक-दूसरे से बात करने वाले भी संशय में हैं। बसपा महासचिव रहे इंद्रजीत के करीब पूर्व विधायक चायल आसिफ जाफरी बसपा सुप्रीमो के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। बृहस्पतिवार को उन्होंने सरोज को पार्टी से निकालने को अलोकतांत्रिक कदम बताया। कहा कि बसपा में इसका व्यापक असर दिखेगा। इंद्रजीत के करीबी दिन भर सक्रिय रहे। चर्चा रही कि कौशाम्बी की तरह यहां भी कई बसपा पदाधिकारी और विधानसभा चुनाव लड़ चुके प्रत्याशी पार्टी से सामूहिक त्यागपत्र देंगे। सरोज का नया सियासी ठिकाना क्या होगा, यह लगभग तय है लेकिन इस पर खुद वह और उनके करीबी चुप्पी साधे हैं। इंद्रजीत सरोज के बसपा से जाने के बाद पार्टी छोड़ने और शामिल होने वालों का दौर शुरू हो चुका है। जोनल कोआर्डिनेटर समेत जिला व शहर के पदाधिकारी डैमेज कंट्रोल में लगे हैं। बसपा से निकाले गए अजय पासी समेत करीब दो दर्जन नेताओं ने बुधवार को बसपा जिलाध्यक्ष के सामने पार्टी के प्रति निष्ठा जताते हुए सदस्यता ली। इन नेताओं को पार्टी में वापस लेने की पुष्टि जिलाध्यक्ष अवधेश चंद्र गौतम ने की है। कौशाम्बी के बड़े-छोटे कई नेताओं ने बसपा छोड़ने का एलान किया तो पार्टी में भूचाल आ गया। यहां भी बसपा पदाधिकारी सक्रिय हुए। बृहस्पतिवार को जोनल पदाधिकारियों ने उन नेताओं को पार्टी में शामिल करने का प्रयास शुरू किया जिन्हें इंद्रजीत सरोज का विरोधी माना जाता था। बसपा जिलाध्यक्ष अवधेश चंद्र गौतम ने पूर्व जिलाध्यक्ष व बछरावां से चुनाव लड़ चुके अजय पासी को बसपा में वापस लेने की घोषणा कर दी। अजय पासी ने बसपा में शामिल होते ही इंद्रजीत सरोज पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उन्होंने बसपा से पासी समाज को दूर रखने का षड़यंत्र किया। पासी समाज को मायावती के नेतृत्व पर भरोसा है इसलिए पूर्व जिला पंचायत सदस्य किरन देवी, रवि पासी, विजय, राम सिंह, भगेलू प्रधान, सुरेश यादव, पारस यादव, राम कैलाश पासी, हरी लाला पासी समेत दो दर्जन नेता बसपा में शामिल हुए। इस मौके पर बसपा के जोनल पदाधिकारी डॉ. रामकुमार कुरील, अशोक गौतम, दीपचंद्र गौतम, राजेश पासी आदि मौजूद रहे। वहीं बसपा के पूर्व महानगर अध्यक्ष भैयालाल कश्यप ने बसपा से इंद्रजीत सरोज को बाहर का रास्ता दिखाने संबंधी पार्टी अध्यक्ष मायावती के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि बसपा शासन के दौरान भारी भरकम विभागों के मंत्री रहे सरोज ने कोई काम नहीं किया। वह पार्टी पर बोझ बने थे। उनको बाहर किए जाने से पार्टी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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