इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के जज ने बड़ा दिल दिखाते हुए आर्थिक तंगी के चलते समय से आईआईटी की फीस जमा करने में असफल रही मेधावी दलित छात्रा की अपनी जेब से फीस भरी है। आर्थिक तंगी झेल रही छात्रा की योग्यता से प्रभावित हुए जस्टिस दिनेश कुमार सिंह ने छात्रा को बतौर फीस 15 हजार रुपए की धनराशि अपने पास से दी है। हाईकोर्ट के जस्टिस ने आईआईटीबीएचयू को छात्रा के प्रवेश के लिए भी आदेश जारी किया है।
आईआईटी बीएचयू में चयनित हुई एक दलित छात्रा अपनी आर्थिक तंगी के चलते समय पर कॉलेज में फीस जमा नहीं कर पाई थी। छात्रा इतनी गरीब है कि वह मुकदमा लड़ने के लिए अपने लिए एक वकील का भी इंतजाम नहीं कर सकी थी। यह मामला जब इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के जस्टिस दिनेश कुमार सिंह के सामने पहुंचा तो वह दलित छात्रा की योग्यता से इस कदर प्रभावित हुए कि उन्होंने मेधावी दलित छात्रा की फीस अपनी जेब से भरने के लिए आगे आ गए। छात्रा गरीबी के कारण समय पर भी जमा नहीं कर पाई थी। जिस कारण वह आईआईटी में दाखिले से वंचित रह गई थी। इसके बाद छात्रा हाईकोर्ट पहुंची और जस्टिस दिनेश कुमार सिंह ने छात्रा संस्कृति रंजन की याचिका पर सुनवाई करते हुए आईआईटी बीएचयू को छात्रा के प्रवेश के लिए आदेश दिया है।
कोर्ट ने ज्वाइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी और आईआईटी बीएचयू को यह भी निर्देश दिया है कि छात्रा को 3 दिन के भीतर दाखिला दिया जाए। यदि सीट खाली नहीं रह गई है तो उसके लिए अलग से सीट की व्यवस्था की जाए। हाईकोर्ट के कहने पर एडवोकेट सर्वेश दुबे और क्षमता राव ने छात्रा का पक्ष रखने में कोर्ट का सहयोग किया।
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