आवेदन की तिथि पर आर्हता को लेकर लोक सेवा आयोग को लेना था निर्णय। चयनित अभ्यर्थी मनीष कुमार का कहना है कि विगत वर्ष नवंबर माह में सत्यापन प्रक्रिया के बाद अभी तक हमारी फाइल रुकी हुई है जो की सत्यापन के बाद शिक्षा निदेशालय को जानी थी। लोक सेवा आयोग द्वारा 15/03/2018 के विज्ञापन संख्या ए - 1/ई-1/2018 के तहत प्रथम बार 16/04/2018 तक आवेदन स्वीकार किए गए थे।जिसमे अर्हता को लेकर बालकृष्ण और 94 अन्य याचियों के द्वारा मा.उच्च न्यायालय ने लोक सेवा आयोग को 16/04/2018 तक ऐसे अभ्यर्थियों तथा अन्य को ऑफलाइन आवेदन लेने को कहा ।लेकिन मा.उच्च न्यायालय के आदेश से अलग होकर आयोग ने 48 दिन बाद( 04 जून से 14 जून 2018) के बीच पुनः साइट खोली,और 49 वें दिन से लेकर 59 वें दिन तक अपने स्वविवेक व सुविधानुसार पुनः आवेदन स्वीकार किया,जबकि मा. उच्च न्यायालय ने सिर्फ 16 अप्रैल 2018 तक ही ऑफलाइन आवेदन लेने को कहा था।लोक सेवा आयोग द्वारा( 4 जून से 14 जून 2018 ) आवेदन स्वीकार करने से पूर्व ( इंटर संस्कृत 29 अप्रैल 2018 ) अभ्यर्थियों ने अपनी शैक्षिक अर्हता पूर्ण कर ली थी। तत्पश्चात अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। ऐसे में फसें 133 अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा परिणाम आने पर हमारा चयन हुआ और आयोग ने हमारे शैक्षिक अभिलेखों की सत्यापन प्रक्रिया भी पूरी करा ली,लेकिन आयोग द्वारा अभी तक हमारी फाइल जो निदेशालय को भेजी जानी थी वह भेजी नहीं गई।चयनित अभ्यर्थियों ने सत्यापन के बाद लगातार लोक सेवा आयोग को ज्ञापन देते आ रहे है । लेकिन आज तक हमारी समस्या का निस्तारण आयोग द्वारा नही किया गया।आयोग से पूछे जाने पर बार बार बस एक ही हवाला देते हुए आज तक गुमराह की स्थिति में रखा गया। आयोग की तरफ से कोई बड़े स्तर के अधिकारी अध्यक्ष महोदय या सचिव महोदय मिलने को तैयार नहीं है बार बार ज्ञापन देने के बावजूद निराश हो कर लौटना पड़ता है,आज तक एलटी ग्रेड (हिंदी विषय) के सभी चयनित अभ्यर्थी सिर्फ निराशा के भंवर में फसें हुए है।
एल टी हिंदी परीक्षा 2018 लोक सेवा आयोग ने परीक्षा 29 जुलाई 2018 को आयोजित की थी।जिसका परिणाम सितम्बर 2020 और सत्यापन नवम्बर 2020 में हुआ।सत्यापन के उपरांत 310 एवं 133( 29 अप्रैल संस्कृत )कुल मिलाकर 443 चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति एक वर्ष बाद भी नही मिल सकी।
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