औद्योगिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र खुसरो बाग प्रयागराज द्वारा आयोजित दो दिवसीय सेमिनार के द्वितीय दिवस में पान उत्पादक कृषकों को प्रयागराज जनपद के फूलपुर विकासखंड के ग्राम चिलौड़ा में हो रही पान की खेती का भ्रमण कराया गया। भ्रमण के समय कृष्ण मोहन चौधरी मुख्य उद्यान विशेषज्ञ खुसरोबाग एवं डॉक्टर रामसेवक चौरसिया वरिष्ठ वैज्ञानिक एनबीआरआई लखनऊ द्वारा भ्रमण दल के किसानों को पान की खेती की तकनीकी जानकारी दी गई। पान बरेजा निर्माण में कृषकों को रखी जाने वाली सावधानियां तथा प्रयोग किए जाने वाले उपकरणों आदि के बारे में बताया गया। पान उत्पादक कृषकों द्वारा पान में लगने वाले प्रमुख रोग पान में पत्ती का जीवाणु रोग लीफ स्पॉट एवं एंथ्रेक्नोज को प्रमुख समस्या बताया गया। डाक्टर रामसेवक चौरसिया ने नियंत्रण हेतु 3 ग्राम मैनकोज़ेब दवा को 1 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव की सलाह दी गई इसके अलावा पान में लगने वाले प्रमुख कीट व्हाइट फ्लाई के नियंत्रण के लिए 0.5% डाई मेथोएड एवं नीम आयल के छिड़काव की सलाह दी गई। मुख्य उद्यान विशेषज्ञ द्वारा बताया गया कि दिसंबर व जनवरी के महीने में तापमान कम होने के कारण पान की फसल को अधिक हानि होने की संभावना होती है इसलिए पान उत्पादक कृषकों को चाहिए की पान बरेजा की सफाई करते रहें तथा 15 से 20 दिनों के अंतराल पर बोर्डो मिश्रण का स्प्रे करें। इसके साथ साथ पान की फसल वाली भूमि पर नमी बनाए रखें, जिससे कि पाला का असर पान पर ना हो
औद्योगिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र के प्रशिक्षण प्रभारी वी के सिंह द्वारा बताया गया कि दिसंबर जनवरी माह में पान उत्पादक कृषकों को तकनीकी जानकारी देने हेतु दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन भी निशुल्क किया जाएगा। इच्छुक कृषक अपना पंजीकरण समय से अवश्य करा लें
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