कांग्रेस की पंजाब इकाई में चल रही तनातनी के बीच पंजाब कांग्रेस के महासचिव और विधायक परगट सिंह ने रविवार को कहा कि पार्टी के राज्य मामलों के प्रभारी हरीश रावत को ये बताना चाहिए कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला कब लिया गया. हरीश रावत ने हाल में कहा था कि पंजाब विधानसभा का चुनाव अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में लड़ा जाएगा, जिसके बाद उन नेताओं में खलबली मच गई थी जो अमरिंदर सिंह को हटाना चाहते हैं.
पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने देहरादून में ये बयान दिया था जब पंजाब के चार मंत्री तृप्त रजिंदर सिंह बाजवा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, सुखजिंदर सिंह रंधावा, और चरणजीत सिंह चन्नी और तीन विधायक उनसे मिलने गए थे. ये सभी नेता अमरिंदर सिंह को हटाना चाहते हैं. पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी माने जाने वाले परगट सिंह ने कहा कि हरीश रावत की घोषणा का पंजाब के मतदाताओं पर गहरा प्रभाव पड़ा है.
अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच जारी है गुटबाजी
राज्य में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच गुटबाजी स्पष्ट रूप से नजर आई है. जालंधर में रविवार को संवाददाताओं से बात करते हुए भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान परगट सिंह ने कहा कि खड़गे समिति ने कहा था कि पंजाब चुनाव कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में लड़े जाएंगे.
साथ ही कहा कि हरीश रावत जी अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में 2022 के चुनाव लड़ने के फैसले के बारे में कौन बता सकता है. परगट सिंह ने कहा कि रावत जी बेहद परिपक्व नेता हैं और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उन्हें अपना बयान स्पष्ट करना चाहिए. आप (पत्रकार) उनसे पूछ सकते हैं कि ये फैसला कब लिया गया. कांग्रेस ने पंजाब के पार्टी नेताओं के मतभेद दूर करने के लिए राज्यसभा सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में एक समिति बनाई है.
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