यूपी में दलितों का दिल जीतने में जुटी कांग्रेस, बीजेपी-माया की 'नजदीकी' को बनाएगी सियासी हथियार
मायावती ने हाल के दिनों में जिस तरह के बयान दिए हैं, उससे कांग्रेस को लगता है कि बसपा प्रमुख बीजेपी का पक्ष ले रही हैं। कांग्रेस यही बात यूपी के दलितों को समझाने की कोशिश करेगी। यूपी में तीन दशक से सत्ता से दूर कांग्रेस राज्य में वापसी के लिए बीजेपी की सरकार को हटाने की कोशिश में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही। जनहित से जुड़े हर मुद्दे को लेकर वह लगातार सड़क पर है।
पार्टी अब दलितों का दिल जीतने की रणनीति पर काम कर रही है। वह बीजेपी से माया की नजदीकी बताकर इसको सियासी हथियार के तौर पर इस्तेमाल करेगी। दलितों को अभी तक बीएसपी का वोट बैंक समझा जाता है, लेकिन कांग्रेस मायावती की पार्टी को दलित विरोधी और बीजेपी के साथ खड़ी होने वाली पार्टी के रूप में दलितों के सामने पेश करने की कोशिश में है। दरअसल, कांग्रेस का मानना है कि मायावती के हालिया बयानों से संदेश जा रहा है कि वह बीजेपी का पक्ष ले रही हैं।
चाहे कोरोनाकाल में श्रमिकों की घर वापसी का मुद्दा हो, उनको लाने के लिए प्रियंका गांधी के बस देने का मुद्दा, कानपुर कांड या फिर मध्य प्रदेश में छह विधायकों को कांग्रेस के खिलाफ वोट देने के लिए विप जारी करने का मामला हो। माया के ऐसे रुख के जरिए कांग्रेस दलितों को समझाने की कोशिश करेगी कि वह बीजेपी की तरफ झुक रही हैं।
इसी के साथ कांग्रेस भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को लेकर नरम रुख दिखा रही हैं। कांग्रेस का मानना है कि दलित युवा फिलहाल चंद्रशेखर से प्रभावित दिख रहे हैं, इसलिए उनको साथ लेकर चलने से पार्टी को सियासी फायदा हो सकता हैं।
2011 की जनगणना के मुताबिक वेस्ट यूपी के सहारनपुर में 21.73%, मुजफ्फरनगर में 13.50% मेरठ में 18.44%, बागपत में 10.98%, गाजियाबाद में 18.4%, गौतुमबुद्धनगर में 16.31%, बिजनौर में 20.94%, बुलंदशहर में 20.21%, अलीगढ़ में 21.20%, आगरा में 21.78% मुरादाबाद में 15.86%, बरेली में 12.65% और रामपुर में 13.38% फीसदी दलित आबादी है।
कांग्रेस की 2022 में यूपी फतह की रणनीति के तहत विधानसभा की 85 रिजर्व सीटों पर नजरें हैं। प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के मुताबिक, कांग्रेस के एससी/एसटी विभाग को लगाया गया है। दलित बहुल इलाकों के साथ हर बूथ पर दलितों की असल स्थिति की जानकारी कर उनसे संपर्क किया जाएगा।
उनको कांग्रेस की दलितों के बारे में आगे की सोच, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों में दलित समुदाय के हित में किए गए काम, आरक्षण पर कांग्रेस की रणनीति के बारे में बताया जाएगा। साथ ही, बीजेपी की मौजूदा केंद्र और प्रदेश सरकारों में दलित उपीड़न के बढ़ते मुद्दों, दलितों से जुड़ी योजनाओं के बजट में कटौती, छात्रवृत्ति की बंदी आदि की जानकारी दी जाएगी।
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