हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट में उपस्थित न होने पर दर्ज 174 ए की कार्रवाई को गलत मानते हुए मुकदमे को निस्तारित करने का निर्देश दिया है।हाईकोर्ट ने कहा कि एक सप्ताह के भीतर उच्चतम न्यायालय के आदेश की प्रमाणित प्रति ट्रायल कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की कोर्ट ने दिया।
पूर्व एमएलसी इकबाल बाला पर 2023 में थाना मिर्जापुर सहारनपुर में सामूहिक दुष्कर्म सहित अन्य मामलों में केस दर्ज किया गया था। 2022 में भी धोखाधड़ी सहित अन्य मामले दर्ज किए गए थे। इनमें पांच अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया था। आरोपी पूर्व एमएलसी ने इन मुकदमों को फर्जी बताते हुए रद्द करने के लिए उच्चतम न्यायालय में वाद दायर किया। जिसे उच्चतम न्यायालय ने स्वीकार करते हुए मुकदमे को रद्द करने का आदेश दिया। इसी दौरान ट्रायल कोर्ट में हाजिर न होने पर आवेदक के खिलाफ 174 ए के तहत एफआईआर दर्ज की गई। इसे रद्द करने के लिए पूर्व एमएलसी की ओर से हाईकोर्ट में वाद दायर किया।
आवेदक के वकील कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने दर्ज मुकदमों को रद्द कर दिया है, इसलिए इन मुकदमों के अनुसरण में की गई कार्यवाही भी रद्द किए जाने योग्य है। अपर शासकीय अधिवक्ता ने भी सरकार का पक्ष रखा। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने और रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद कोर्ट ने कहा कि मौजूदा मामले की आपराधिक कार्यवाही टिकाऊ नहीं है। कोर्ट ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के आलोक में संबंधित न्यायालय को उक्त आवेदन को निस्तारित करने का निर्देश दिया।
सहारनपुर के रहने वाले पूर्व एमएलसी इकबाल बाला पर मारपीट, डकैती, धोखाधड़ी, सामूहिक दुष्कर्म सहित अन्य मुकदमे दर्ज थे। उसके बेटे भी आरोपी थे। इन मामलों में पुलिस ने उनकी संपत्ति कुर्क कर इनाम भी घोषित किया था। इन मुकदमों को फर्जी बताते हुए सुप्रीम कोटे से रद्द करने की गुहार लगाई थी, जहां से उसे राहत मिली।
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